बुधवार, 8 अप्रैल 2015

रेलवे के मकानों में सजायाफ्ताओं का कब्जा


आपराधिक तत्वों के छुपने का अड्डा बन रहा 
विशेष प्रतिनिधि
रायपुर । राजधानी स्थित रेलवे के मकानों में इन दिनों अपराधिक तत्वों का जमावड़ा होने लगा है। हालत यह है कि सजायाफ्ता और बर्खास्त रेलवे कर्मी मकान खाली नहीं कर रहे हैं और यह सब डीआरएम कार्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है।
एक तरफ रेलवे अपने अधिकारियों व कर्मचारियों को सुविधा देने का दावा करता है तो दूसरी तरफ रेलवे के मकानों में अपराधिक गतिविधियां भी जमकर फल फूल रहा है। हमारे भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि रेलवे द्वारा अपने कर्मचारियों को दिये गए मकानों की निरीक्षण तक नहीं करता जिसके चलते कई मकानों  में बर्खास्त शुदा कर्मचारियों का कब्जा बना हुआ है। यही नहीं कई कर्मचारियों को कोर्ट द्वारा सजा भी सुनाई जा चुकी है लेकिन इनकी दंबगई के आगे रेल प्रशासन नतमस्तक है।
हमारे सूत्रों ने बताया कि रेलवे के लोको कालोनी में ही 259/2 नंबर के मकान पर कोर्ट से सजा प्राप्त एक कर्मचारी का कब्जा है। लेकिन रेलवे प्रशासन उसकी दबंगई के आगे इस कदर असहाय है कि मकान खाली करने का नोटिस ही नहीं दिया गया।
सूत्रों का दावा है कि यहां कई क्वार्टर में जुआ व शराबखोरी हो रही है और इसकी शिकायत के बाद भी कार्रवाई करने की हिम्मत रेल प्रशासन नहीं जुटा पा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि रेलवे के कई मकानों पर रिटायर्ड और बर्खास्त कर्मचारियों का कब्जा है। बताया जाता है कि रेलवे की जमीनों पर कब्जें को लेकर रेल प्रशासन का रवैया भी ढुलमुल है और वह जिला प्रशासन को पत्र लिखकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहा है। हमारो सूत्रों का कहना है कि यह सारा खेल मिलीभगत से चल रहा है और शिकायत करने वाले पर ही कार्रवाई की धमकी दी जाती है। इस संबंध में जब डीआरएस कार्यालय में संपर्क करने की कोशिश की गई तो वहां बैठे अधिकारी अपनी जिम्मेदारी दूसरे अधिकारियों पर टालते रहे।बहरहाल रेल प्रशासन के इस रवैये से कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है और वे शीघ्र ही डीआरएस से मिलकर शिकायत करने की बात कर रहे हैं।

शुक्रवार, 21 मार्च 2014

प्रताडऩा के चलते किया कृषक ने खुदकुशी ?


रायपुर (अभनपुर)
इस प्रजातांत्रिक देश में आज भी अमीर-गरीब के बीच वर्गभेद से कथित सामेती किस्म के लोग हैं- जिनके चलते आम और किसान न केवल प्रताडि़त हो रहे हैं बल्कि खुदकुशी आने विवश भी हो रहे है- इसी तरह का एक मामला गत दिवस अभनपुर तहसील थाना नवापारा (राजिम) में दर्ज हुआ है जिसमें उक्त थाना अंतर्गत ग्राम तोरला निवासी नेतराम सिन्हा पिता श्री नंदराम सिन्हा उम्र (40 वर्ष) द्वारा 19 फरवरी को जहरीला  पदार्थ का सेवन कर. आत्महत्या कर लिया गया। मृतक के परिजनों को डॉक्टर द्वारा उक्त जानकारी दी गई है। मामले पर कार्यवाही करते हुए घटना पश्चात पुलिस द्वारा बयान दर्ज कर पंचनामा करवाया गया था।
अब नेतराम के मौत के बाद उठे सवालों को लेकर मृतक के बड़े भाई कृष्णा प्रसाद सिन्हा ने उचित कार्यवाही होने का विश्वास लेकर मोर्चा खोल दिया है इसी तरह के आशय के एक जारी प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी देते हुए उसमे बताया है कि मृतक नेतराम सिन्हा ग्राम तोखा निवासी लघु कृषक होने के साथ टेलरिंग का व्यवसाय अताथा ने तमाम द्वारा अभनपुर निवासी टीकम राठी जो की जमीन के खरीद फरोख्त के साथ साहूकारी करता है से 5-6 माह पूर्व कर्ज लिया था। उल्लेखनीय है कि इस दौरान उक्त कर्ज के जमानत रूप में राठी के पास ऋण पुस्तिका जमा कर दिया था। उसी कर्ज के अदायकी के लिए राठी द्वारा मृतक को उसकी 2 एकड़ 3 डिसमील कृषि भूमि को विक्रय करने बाध्य किया गया, जानकारी में बताया गया है कि मृतक कर्ज को अदा करने सिर्फ एक एकड़ भूमि बेचने के पक्ष में था जिसे लेकर आग्रह भी किया था, उक्त कृषि भूमि को खरीदने वाले क्रेता द्वारा 50,000 बयाना राशि विक्रेता को दिया गया, अभनपुर पंजीयन कार्यालय में दिनांक 4 फरवरी 2014 को मृतक के उक्त भूमिका विक्रय पंजीयन भी किया गया, जिसमें दो गवाह भी शामिल हुए। इस बीच पंजीयन कार्य को लेकर ऋण पुस्तिका की जरूरत पडऩे पर मृतक ने भूमि क्रेता से अग्रिम राशि लेकर कर्ज की राशि दो लाख दस हजार राठी को दे दिया गया, इस दौरान ऋण पुस्तिका के साथ कर्ज अनुबंध मांगे जाने पर राठी द्वारा वापस नहीं किया गया? केवल यही नहीं इस मामले में जानकारी अनुसार राठी द्वारा क्रेता पर इस आशय का दबाव बनाया गया कि शेष राशि आठ लाख सड़सठ हजार पांच सौ रूपये उनके कार्यालय में जमा कर दिया जाये परन्तु क्रेता ने एैसा नहीं किया पश्चात जब उक्त शेष रकम पंजीयन कार्यालय में क्रेता द्वारा भुगतान किया गया तो उसे भी राठी ने रख लिया। खबर अनुसार उक्त दस्तावेज और अपनी शेष राशि के लिए मृतक द्वारा कई बार चक्कर भी काटा गया और इसी विषय को लेकर दोनों के बीच विवाद भी हुआ। तमाम कोशिशों के बाद मृतक टूटता गया और इस तरह के घटना सामने आया?
उक्त मामले मेंं हालांकि नयापारा गोबरा थाना द्वारा टीकम राठी का बयान लिया जा चुका है पर मृतक को न्याय दिलाने के लिए लडऩे वाले सिन्हा का कहना है कि राठी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। बहरहाल उक्त मामले में कई तरह के सवाल सजह ही खड़े होते हैंं जैसे कि क्या सचमुच में मृतक के खुदकुशी के पीछे उक्त तरह का कोई मामला था नहीं तो खुदकुशी के पीछे की सच्चाई क्या है।

बुधवार, 13 अक्तूबर 2010

डाल्फीन स्कूल के शिक्षकों ने छात्र से की अप्राकृतिक कृत्य

एक शिक्षक गिरफ्तार, दो फरार
 डाल्फिन इंटरनेशनल स्कूल भाटापारा के तीन शिक्षकों द्वारा एक नाबालिग छात्र से अप्राकृतिक कृत्य करने का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। इस मामले में एक शिक्षक आशीष प्रधान गिरफ्तार कर लिए गए हैं। जबकि दो शिक्षक फरार बताए जा रहे हैं। इस मामले का दुर्भाग्यजनक पहलू यह है कि पूरे मामले को दबाने की कोशिश मंत्री स्तर पर की गई जबकि स्कूल संचालक एक अखबार मालिक होने की वजह से भी मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही है और फरार शिक्षकों को बचाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि डाल्फिन इंटरनेशनल स्कूल द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्न कस्बों व शहरों में स्कूल संचालित किया जा रहा है और 50 हजार दो 12वीं तक पढ़ों स्कीम भी चला रहा है। यही नहीं अधिकांश जगहों पर दूसरे शहर के लोगों की नियुक्ति की गई है। भाटापारा में संचालित डाल्फिन स्कूल में भी इसी तरह से दूसरे शहर के ही शिक्षकों की भर्ती की गई है जिन्हें सिर्फ पैसों से मतलब है। बताया जाता है कि भाटापारा में जिस बच्चे के साथ दूराचार किया गया वह प्रतिष्ठित परिवार का है इसलिए तत्काल एक शिक्षक आशीष प्रधान की धारा 37, 511 व 292 के तहत गिरफ्तार किया गया। जबकि दबाव में सहयोगी दो शिक्षकों को फरार होने का मौका दिया गया।
सूत्रों की माने तो शर्म की वजह से कुछ बच्चे सामने नहीं आ रहे हैं। बताया जाता है कि घर में समझा देने के नाम पर शिक्षकों द्वारा बच्चों को बुलाकर यह कृत्य किया गया और बच्चे ने जैसे ही इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी तो वे सीधे पुलिस के पास जा पहुंचे और आनन-फानन में पुलिस को दबाव में कार्रवाई करनी पड़ी।
इधर इस मामले को लेकर भाटापारा में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। सूत्रों के मुताबिक भाटापारा के लोगों ने बताया कि शिक्षकों से लेकर पूरा स्टाफ बाहरी है और अधिकांश कर्मचारी किराये का मकान लेकर अकेले रहते हैं। दरअसल घटना की प्रमुख वजह भी यही मानी जा रही है कि बाहरी शिक्षकों की वजह से ही इस तरह की घटनाएं हो रही है। दूसरी तरफ इस मामले में फरार शिक्षकों का बचाने का प्रयास किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो इन दोनों शिक्षकों को छुट्टी पर जाना बताया जा रहा है। इधर हमारे पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस मामले को गुपचुप तरीके से निपटाने एक मंत्री द्वारा थानेदार को फोन भी किया गया जबकि ऐसे घिनौने कृत्य पर डाल्फिन स्कूल के संचालक की भूमिका को भी शर्मनाक बताया जा रहा है। इधर डाल्फिन स्कूल के संचालक राजेश शर्मा से संपर्क की कोशिश की गई लेकिन वे उपलब्ध नहीं थे जबकि भाटापारा स्कूल के प्रचार्य की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।

शनिवार, 9 अक्तूबर 2010

अधूरा निर्माण शीघ्र पूरा करें : वर्मा

रायपुर। नगर पालिका बीरगांव के पूर्व सदस्य संतोष वर्मा ने कहा कि वार्ड नम्बर 8 में बहुत सारे अधूरे कार्यों को शीघ्र पूरा करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि विकास तो हुए हैं लेकिन अधूरे निर्माण कार्य से परेशानी हो रही है। उन्हाेंने कहा कि प्राथमिक शाला में भवन निर्माण अधूरा है, छत ढलाई नहीं हुआ है, बिल पास हो गया है। गोड़ समाज का कालम अधूरा है। अतिरिक्त कमरा संतोष नगर में। बजरंग नगर में छत ढलाई अधूरा है। मूलभूति सुविधा हैण्डपंप चरमरा गई। 15 दिन खराब है। 2 महीने से प्रशासक बैठाया गया है फिर भी कोई काम नहीं हो रहा है।

जनसंख्या के आधार पर वार्डों का विभाजन हो : राव

 नगर पालिका बीरगांव के पूर्व उपाध्यक्ष पीएस राव ने भाजपा सरकार को बीरगांव के विकास के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि भविष्य में वार्डों का विभाजन जनसंख्या के आधार पर होने से पार्षदों को दिक्कत नहीं होगी।
उन्होंने चर्चा करते हुए कहा कि नगर पालिक बीरगांव नया पालिका बने एक कार्यकाल पूरा हुआ जिसमें 30 वार्डों में विभाजन हुआ था बीरगांव क्षेत्र में बहुतायत जनसंख्या मतदान करने से वंचित हो गये थे छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। हमारी भाजपा की सरकार गरीबों एवं जनता के हित में कार्य करती है। बीरगांव में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने नगरीय प्रशासन मंत्री जी से पहल किया और वंचित जनता को नगर पालिका में शामिल करने का निवेदन किया। और नगर पालिका जैसे मजदूर नगर, बजरंग नगर और बंजारी नगर शामिल किया गया। शामिल होने के बाद परिसीमन का कार्य किया गया। जो 35 वार्डों में विभाजन हुआ। भाजपा पार्टी के कार्यकर्ता खुश है। लेकिन जनसंख्या के आधार पर वार्डों का विभाजन में भारी उलट फेर है। जैसे एक वार्ड में जनसंख्या 800 सौ है दूसरे वार्डों में 4000 हजार जनसंख्या है। जिसमें वार्ड पार्षदों कि चुनाव में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। आगे भविष्य में भी विकास को लेकर विकास कि राशि को लेकर काफी पेरशानियों का सामना करना पड़ेगा। हमारी मांग है कि जनता की जनसंख्या के आधार पर वार्डों का विभाजन करना उचित होगा।

बुधवार, 6 अक्तूबर 2010

आदिवासी अधिकारियों ने भी रमन के खिलाफ मोर्चा खोला

आदिवासी अधिकारियों ने भी रमन के खिलाफ मोर्चा खोला
आयोग से शिकायत, पदोन्नति से वंचित
 आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग को लेकर भले ही भाजपा के आदिवासी नेताओं की मुहिम फेल हो गई हो लेकिन अब आदिवासी अफसरों ने अपनी उपेक्षा का आरोप लगाकर सरकार के लिए नई मुसिबत खड़ी कर दी है। करीब आधा दर्जन आदिवासी अधिकारियों ने पदोन्नति में भेदभाव का आरोप लगाया है और इनमें से कुछ ने आयोग में शिकायत तक कर दी है।
भाजपा में आदिवासियों की उपेक्षा को लेकर आदिवासी नेता पहले ही नाराज हैं। नंदकुमार साय, ननकीराम कंवर से लेकर रामविचार नेताम ने समय-समय पर सरकार के खिलाफ खड़ा होने की कोशिश की है यहां तक कि आरक्षण कम किए जाने को लेकर भी आदिवासी नेता नाराज हैं। ऐसे में आदिवासी होने की वजह से पदोन्नति नहीं देने का आरोप डॉ. रमन सिंह को भारी पड़ सकता है और इस मामले में यदि कांग्रेस खड़ी हुई तो मामला तूल पकड़ सकता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अपनी उपेक्षा को लेकर डॉ. राजमणि, डॉ. आर.आर. मंडावी और डॉ. आर.एन. नेताम ने आयोग से शिकायत की है कि आदिवासी होने के कारण उन्हें पदोन्नति से वंचित किया जा रहा है। आयोग में की गई शिकायत काफी गंभीर है और इसका परीक्षण चल रहा है। डॉ. राजमणि रायपुर में पदस्थ हैं वहीं डॉ. आर.आर. मंडावी कांकेर में हैं।
सूत्रों ने बताया कि तीन-तीन अधिकारियों के द्वारा आयोग से की गई शिकायत पर फिलहाल सरकार में बेचैनी है और वह यह जानने में लगी है कि कहीं इसके पीछे राजनीति तो नहीं है। बहरहाल आदिवासी अधिकारियों के इस नए आरोप से एक तरफ जहां सरकार बेचैन है वहीं कांग्रेस के इसे मुद्दा बनाने से नई मुसिबत का अंदेशा भी है।

गुण्डरदेही पंचायत की मांग

गुण्डरदेही। गुण्डरदेही पंचायत के सरपंच कृषलाल साहू ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा कि यहां समस्याएं तो है उसे दूर करने का प्रयास भी किया जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि पंचायत में नल जल योजना लागू किया जाए साथ ही हाईस्कूल भवन निर्माण का स्कूल संचालित किया जाना चाहिए। वार्डों की गलियों में कांक्रीटीकरण, स्कूलों में आहाता निर्माण व आंगनबाड़ी भवन निर्माण की गई है।