आपराधिक तत्वों के छुपने का अड्डा बन रहा
विशेष प्रतिनिधि
रायपुर । राजधानी स्थित रेलवे के मकानों में इन दिनों अपराधिक तत्वों का जमावड़ा होने लगा है। हालत यह है कि सजायाफ्ता और बर्खास्त रेलवे कर्मी मकान खाली नहीं कर रहे हैं और यह सब डीआरएम कार्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है।
एक तरफ रेलवे अपने अधिकारियों व कर्मचारियों को सुविधा देने का दावा करता है तो दूसरी तरफ रेलवे के मकानों में अपराधिक गतिविधियां भी जमकर फल फूल रहा है। हमारे भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि रेलवे द्वारा अपने कर्मचारियों को दिये गए मकानों की निरीक्षण तक नहीं करता जिसके चलते कई मकानों में बर्खास्त शुदा कर्मचारियों का कब्जा बना हुआ है। यही नहीं कई कर्मचारियों को कोर्ट द्वारा सजा भी सुनाई जा चुकी है लेकिन इनकी दंबगई के आगे रेल प्रशासन नतमस्तक है।
हमारे सूत्रों ने बताया कि रेलवे के लोको कालोनी में ही 259/2 नंबर के मकान पर कोर्ट से सजा प्राप्त एक कर्मचारी का कब्जा है। लेकिन रेलवे प्रशासन उसकी दबंगई के आगे इस कदर असहाय है कि मकान खाली करने का नोटिस ही नहीं दिया गया।
सूत्रों का दावा है कि यहां कई क्वार्टर में जुआ व शराबखोरी हो रही है और इसकी शिकायत के बाद भी कार्रवाई करने की हिम्मत रेल प्रशासन नहीं जुटा पा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि रेलवे के कई मकानों पर रिटायर्ड और बर्खास्त कर्मचारियों का कब्जा है। बताया जाता है कि रेलवे की जमीनों पर कब्जें को लेकर रेल प्रशासन का रवैया भी ढुलमुल है और वह जिला प्रशासन को पत्र लिखकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहा है। हमारो सूत्रों का कहना है कि यह सारा खेल मिलीभगत से चल रहा है और शिकायत करने वाले पर ही कार्रवाई की धमकी दी जाती है। इस संबंध में जब डीआरएस कार्यालय में संपर्क करने की कोशिश की गई तो वहां बैठे अधिकारी अपनी जिम्मेदारी दूसरे अधिकारियों पर टालते रहे।बहरहाल रेल प्रशासन के इस रवैये से कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है और वे शीघ्र ही डीआरएस से मिलकर शिकायत करने की बात कर रहे हैं।